ज़माने के नाम
सारा सामान रखूंगा निकल जाऊंगा
जमाने पर इल्जाम रखूंगा निकल जाऊंगा
तुम हर्फ-ब-हर्फ कहानी बयां करते हो
मैं हादसों की दीवान रखूंगा निकल जाऊंगा
गुलों की जात से मुझे शिकायत है
गुलशन मे तूफान रखूंगा निकल जाऊंगा
सुनो बहुत सुने है हमने कहकहें
अब खामोशी की जुबां रखूंगा निकल जाऊंगा
कब तक सुखन की हवा मुझे आजाद रखेगी
सीने मे थोड़ी जान रखूंगा निकल जाऊंगा
देवता हो गयें है सब कोई
मंदिरों में इन्सान रखूंगा निकल जाऊंगा
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